नमस्कार प्रिय विद्यार्थियों!
मैं आपका हिंदी शिक्षक हूँ और पिछले 20 वर्षों से उत्तर प्रदेश बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन और शिक्षण कर रहा हूँ। अपने अनुभव के आधार पर मैं यह कह सकता हूँ कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा लिखित पाठ 'भारतीय संस्कृति' (गद्य खंड - अध्याय 4) बोर्ड परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। अक्सर विद्यार्थी केवल कहानी पढ़ लेते हैं, लेकिन टॉपर्स (Toppers) 'व्याख्या' और 'भाषा-शैली' पर पकड़ बनाते हैं।
यह आर्टिकल साधारण गाइड से अलग है; यह एक 'मास्टर क्लास' है जो आपको परीक्षा में 95+ अंक लाने में मदद करेगी।
कक्षा 10 हिंदी (गद्य खंड) - अध्याय 4: भारतीय संस्कृति
लेखक: डॉ. राजेंद्र प्रसाद
1. लेखक परिचय: डॉ. राजेंद्र प्रसाद (परीक्षा के लिए 'शॉर्ट नोट्स')
बोर्ड परीक्षा में 'जीवन परिचय' और 'रचनाओं' से प्रश्न निश्चित रूप से आते हैं। आपको पूरी जीवनी रटने की ज़रूरत नहीं, बस ये मुख्य बिंदु याद रखें:
जन्म: 1884 ई. (जीरादेई, बिहार)
शिक्षा: एम.ए., एम.एल. (कलकत्ता विश्वविद्यालय)
विशेष उपलब्धि: भारत के प्रथम राष्ट्रपति, 'देशरत्न' की उपाधि।
मृत्यु: 28 फरवरी, 1963 ई.
साहित्यिक स्थान: हिंदी साहित्य सम्मेलन के सभापति रहे। इनकी शैली सरल, सुबोध और प्रभावपूर्ण खड़ी बोली है।
प्रमुख रचनाएँ (याद रखें):
भारतीय शिक्षा
गांधीजी की देन
मेरी आत्मकथा
बापू के कदमों में
संस्कृति का अध्ययन
गुरु मंत्र: जीवन परिचय लिखते समय जन्म, मृत्यु और रचनाओं को काले पेन (Black Pen) से हाईलाइट करना न भूलें। परीक्षक की नज़र सबसे पहले इन्हीं पर जाती है।
2. पाठ का मूल भाव (Central Theme)
डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इस निबंध में भारत की 'अनेकता में एकता' (Unity in Diversity) का बहुत ही सुंदर चित्रण किया है।
बाहरी विविधता: भारत में अलग-अलग वेशभूषा, खान-पान, भाषा और धर्म हैं। देखने वाला कह सकता है कि यह एक देश नहीं, बल्कि कई देशों का समूह है।
आंतरिक एकता: लेखक के अनुसार, इन भिन्नताओं के अंदर एक अदृश्य धागा है—'भारतीय संस्कृति' का। जैसे अलग-अलग नदियाँ अंत में एक ही सागर में मिलती हैं, वैसे ही भारत की विविधता एक ही राष्ट्रीय भावना में समाहित है।
नैतिक आधार: हमारी संस्कृति का मूल आधार 'अहिंसा' और 'त्याग' है।
3. महत्वपूर्ण गद्यांशों की व्याख्या (सबसे महत्वपूर्ण खंड)
बोर्ड परीक्षा में "रेखांकित अंश की व्याख्या" (Explanation of underlined text) सबसे ज्यादा नंबर दिलाती है। मेरे 20 साल के अनुभव के अनुसार, नीचे दिए गए दो गद्यांश सबसे महत्वपूर्ण हैं:
गद्यांश 1:
"हमारी सारी संस्कृति का मूल आधार इसी अहिंसा तत्व पर स्थापित रहा है। जहाँ-जहाँ हमारे नैतिक सिद्धांतों का वर्णन आया है, अहिंसा को ही उनमें मुख्य स्थान दिया गया है।"
संदर्भ: प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक 'हिंदी' के 'गद्य-खंड' में संकलित 'भारतीय संस्कृति' नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक डॉ. राजेंद्र प्रसाद हैं।
रेखांकित अंश की व्याख्या: लेखक का कहना है कि भारतीय संस्कृति की नींव 'अहिंसा' (किसी को कष्ट न देना) पर टिकी है। हमारे वेदों और पुराणों में जहाँ भी नैतिकता की बात हुई है, वहाँ अहिंसा को सर्वोपरि धर्म माना गया है। हम दूसरों के दुख को अपना दुख समझते हैं, यही भारतीयता है।
गद्यांश 2:
"आज हम इसी निर्मल, शुद्ध, शीतल और स्वस्थ अमृत की तलाश में हैं और हमारी इच्छा है कि वह इन सभी अलग-अलग बहती हुई नदियों में अभी भी उसी तरह बहता रहे..."
व्याख्या: लेखक भारत की विविधता को नदियों की उपमा देते हैं। वे कहते हैं कि आज देश में भाषा, धर्म और जाति का भेद बढ़ रहा है। हमें उस 'सांस्कृतिक एकता' रूपी अमृत की तलाश है जो इन भेदों को मिटाकर हमें एक कर सके। हमें उस प्राचीन प्रेम और भाईचारे को पुनर्जीवित करना है।
4. शब्दार्थ (Vocabulary)
कठिन शब्दों का अर्थ जानने से व्याख्या करना आसान हो जाता है:
ओत-प्रोत: पूरी तरह भरा हुआ / घुला-मिला।
साहिष्णु: सहनशील।
अविच्छिन्न: जो टूटा न हो / लगातार।
एकात्मता: एक होने का भाव।
खण्ड 'क': लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
(ये प्रश्न आमतौर पर 2 अंक के आते हैं। इनका उत्तर सटीक और 25-30 शब्दों में होना चाहिए।)
प्रश्न 1: भारतीय संस्कृति का मूल आधार क्या है? उत्तर: भारतीय संस्कृति का मूल आधार 'अहिंसा' (Non-violence) और 'त्याग' की भावना है। हमारे यहाँ नैतिक सिद्धांतों में अहिंसा को ही सर्वोच्च स्थान दिया गया है।
प्रश्न 2: लेखक ने भारतीय संस्कृति की तुलना 'विशाल सागर' से क्यों की है? उत्तर: जैसे अलग-अलग दिशाओं से आने वाली नदियाँ अंत में सागर में मिल जाती हैं, ठीक उसी प्रकार भारत में अलग-अलग धर्म, भाषा और संप्रदाय आकर एक ही 'भारतीय संस्कृति' के महासागर में विलीन हो गए हैं।
प्रश्न 3: बापू (महात्मा गांधी) ने देश में क्रांति लाने के लिए किसका सहारा लिया? उत्तर: बापू ने क्रांति के लिए हथियारों का नहीं, बल्कि हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति, नैतिकता और अहिंसा का सहारा लिया। उन्होंने सामान्य जनता की 'त्याग भावना' को जगाया।
प्रश्न 4: "आज विज्ञान मनुष्यों के हाथों में अद्भुत और अतुल शक्ति दे रहा है"—लेखक ने ऐसा क्यों कहा? उत्तर: लेखक का मानना है कि विज्ञान ने हमें असीमित शक्ति दी है। यदि हम इसका उपयोग 'संस्कृति' और 'नैतिकता' के साथ करेंगे तो यह वरदान बनेगी, अन्यथा यह विनाश का कारण बन सकती है।
खण्ड 'ख': दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)
(इन प्रश्नों में आपके विचारों और लेखन शैली की परीक्षा होती है। उत्तर लिखते समय हेडिंग्स (Headings) का प्रयोग ज़रूर करें।)
प्रश्न 1: "भारतीय संस्कृति में अनेकता में एकता है"—इस कथन को पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। (संकेत: इस उत्तर को आप 3 बिन्दुओं में लिख सकते हैं)
भूमिका: भारत एक विशाल देश है जहाँ प्राकृतिक और मानवीय विविधता पाई जाती है।
विविधता: यहाँ खान-पान, वेशभूषा, धर्म और जलवायु में बहुत अंतर है। उत्तर में हिमालय की ठंड है तो दक्षिण में कन्याकुमारी की गर्मी।
एकता: इन सबके बावजूद, एक भारतीय के अंदर की 'राष्ट्रीय भावना' और 'सांस्कृतिक संस्कार' एक जैसे हैं। तुलसी, रामायण और वेद पूरे भारत में सम्मान पाते हैं।
प्रश्न 2: वर्तमान समय में विज्ञान की शक्ति के दुरुपयोग को रोकने के लिए लेखक ने क्या सुझाव दिया है? (यह प्रश्न 'मूल्य-परक' (Value-based) है)
उत्तर का मुख्य बिंदु: लेखक डॉ. राजेंद्र प्रसाद कहते हैं कि विज्ञान की शक्ति को नियंत्रित करने के लिए 'अहिंसात्मक त्याग' की भावना ज़रूरी है। हमें अपनी संस्कृति के उस नैतिक अंकुश (Moral Check) को फिर से जाग्रत करना होगा जो शक्ति को विनाशकारी होने से रोकता है।
5. आगामी बोर्ड परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण MCQs (बहुविकल्पीय प्रश्न)
बोर्ड के नए पैटर्न (OMR Sheet) के लिए ये प्रश्न अत्यंत महत्वपूर्ण हैं:
प्रश्न 1: 'भारतीय संस्कृति' पाठ की विधा क्या है? (A) कहानी (B) निबंध (C) संस्मरण (D) नाटक उत्तर: (B) निबंध
प्रश्न 2: डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के कौन से राष्ट्रपति थे? (A) द्वितीय (B) प्रथम (C) तृतीय (D) चतुर्थ उत्तर: (B) प्रथम
प्रश्न 3: "अहिंसा का दूसरा नाम या दूसरा रूप _______ है।" रिक्त स्थान भरें। (A) कायरता (B) स्वार्थ (C) त्याग (D) युद्ध उत्तर: (C) त्याग
प्रश्न 4: 'गांधीजी की देन' किसकी रचना है? (A) जयशंकर प्रसाद (B) डॉ. राजेंद्र प्रसाद (C) रामचंद्र शुक्ल (D) भगवतशरण उपाध्याय उत्तर: (B) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
प्रश्न 5: लेखक ने भारतीय संस्कृति की तुलना किससे की है? (A) विशाल समुद्र से (B) ऊँचे पहाड़ से (C) घने जंगल से (D) इनमें से कोई नहीं उत्तर: (A) विशाल समुद्र से (जिसमें नदियाँ मिलती हैं)
प्रश्न 6: "संस्कृति का अध्ययन" किस विधा की रचना है? (A) नाटक (B) एकांकी (C) निबंध/आलोचना (D) उपन्यास उत्तर: (C) निबंध/आलोचना
प्रश्न 7: भारतीय संस्कृति का मूल तत्व क्या है? (A) भौतिकवाद (B) अहिंसा (C) हिंसा (D) अलगाववाद उत्तर: (B) अहिंसा
शिक्षक की विशेष सलाह (Pro Tips):
बोर्ड परीक्षा में कभी-कभी प्रश्न सीधे न पूछकर, गद्यांश देकर पूछता है। यदि आपको गद्यांश में "नैतिकता", "अहिंसा", "नदियाँ-सागर", "त्याग" या "विविधता" जैसे शब्द दिखें, तो 99% संभावना है कि वह 'भारतीय संस्कृति' पाठ का ही है।
लेखन शैली: अपनी उत्तर पुस्तिका में साफ़-सुथरा लिखें। शीर्षकों (Headings) का प्रयोग करें।
संदर्भ: संदर्भ लिखते समय पाठ का नाम और लेखक का नाम बिल्कुल सही होना चाहिए, अन्यथा नंबर कट जाते हैं।
रिवीजन: इस पाठ से "गद्यांश पर आधारित प्रश्न" आने की संभावना 90% है, इसलिए पाठ को एक बार ध्यान से जरूर पढ़ें।
आपकी परीक्षा के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
🎯 'भारतीय संस्कृति' - मास्टर टेस्ट (2025)
पिछले वर्षों के प्रश्नों का संकलन (PYQs) | कुल प्रश्न: 20

Comments
Post a Comment