नमस्ते प्यारे विद्यार्थियों! मैं आपका हिंदी शिक्षक हूँ और पिछले 10 वर्षों के अपने अनुभव से मैं जानता हूँ कि बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने के लिए 'गद्य खंड' (Prose Section) को समझना कितना ज़रूरी है।
अक्सर बच्चे पाठ का अर्थ नहीं समझ पाते और रटने की कोशिश करते हैं। आज हम कक्षा 10 हिंदी (UP Board) के अध्याय 3: "क्या लिखूँ?" (जिसके लेखक पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी हैं) का गहराई से अध्ययन करेंगे।
मैंने इस लेख को बिल्कुल उसी तरह तैयार किया है जैसे आप कक्षा में मुझसे पढ़ रहे हों—सरल और स्पष्ट।
कक्षा 10 हिंदी – अध्याय 3: 'क्या लिखूँ?' (पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी)
पाठ का परिचय (Introduction)
यह पाठ एक ललित निबंध है। इसमें लेखक बख्शी जी ने निबंध लेखन की कला और विषय चयन की कठिनाई पर चर्चा की है। यह पाठ हमें बताता है कि जब हमें किसी विषय पर जबरदस्ती लिखने को कहा जाता है, तो कितनी परेशानी होती है, और जब हम मन से लिखते हैं, तो वह कितना सरल होता है।
पाठ का सारांश (Summary in Simple Words)
लेखक बताते हैं कि एक बार उनसे दो छात्राओं, नमिता और अमिता, ने निबंध लिखने का आग्रह किया।
नमिता का विषय: "दूर के ढोल सुहावने होते हैं।"
अमिता का विषय: "समाज सुधार।"
लेखक कहते हैं कि ये दोनों विषय बहुत अलग हैं। लेखक विचार करते हैं कि युवा (Young generation) और वृद्ध (Old generation) की सोच में क्या अंतर है:
युवा: हमेशा भविष्य की ओर देखते हैं और वर्तमान से असंतुष्ट रहते हैं। वे क्रांति और सुधार चाहते हैं।
वृद्ध: हमेशा अतीत (Past) का गुणगान करते हैं। उन्हें लगता है कि उनका जमाना ही सबसे अच्छा था।
अंत में, लेखक यह समझाते हैं कि जीवन में न केवल अतीत की यादें और न केवल भविष्य के सपने, बल्कि वर्तमान की जागरूकता ही सबसे महत्वपूर्ण है।
कक्षा 10 हिंदी (UP Board) - अध्याय 3: क्या लिखूँ?
लेखक: पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी | विधा: ललित निबंध
नमस्ते प्यारे विद्यार्थियों! 🎓 अगर आप बोर्ड परीक्षा (2024-25) की तैयारी कर रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए 'संजीवनी बूटी' है। मैंने पिछले 10 सालों के पेपर्स का विश्लेषण करके इस पाठ के सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न और गद्यांश यहाँ दिए हैं।
📝 सबसे महत्वपूर्ण गद्यांश (Most Important Passages)
परीक्षा में संदर्भ सहित व्याख्या के लिए ये दो पैराग्राफ सबसे ज्यादा पूछे जाते हैं:
1. "जो तरुण हैं..."
पूरा वाक्य: "जो तरुण हैं, वही भविष्य के निर्माता हैं। उन्हीं के कर कमलों पर भारत के अतीत का गौरव और भविष्य का निर्माण निर्भर है... वे वर्तमान से क्षुब्ध रहते हैं।"
🔥 बोर्ड परीक्षा: 2013, 2015, 2018, 2022, 2024 में पूछा गया
💡 टिप: इसकी व्याख्या में 'युवाओं के जोश' और 'भविष्य निर्माण' पर फोकस करें।
2. "दूर के ढोल सुहावने होते हैं..."
पूरा वाक्य: "दूर के ढोल सुहावने होते हैं, क्योंकि उनकी कर्कशता दूर तक नहीं पहुँचती।"
🔥 बोर्ड परीक्षा: 2011, 2014, 2017, 2019, 2023 में पूछा गया
❓ महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर (Important Q&A)
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प्र. 1: लेखक ने युवकों (तरुणों) और वृद्धों के विचारों में क्या अंतर बताया है?
[IMP 2020, 2022]उत्तर: युवक हमेशा भविष्य के सपने देखते हैं और वर्तमान में क्रांति (बदलाव) लाना चाहते हैं, जबकि वृद्ध हमेशा अतीत (बीते हुए कल) का गुणगान करते हैं और पुरानी परंपराओं को बनाए रखना चाहते हैं।
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प्र. 2: प्रगतिशील साहित्य किसे कहते हैं?
[IMP 2016, 2019]उत्तर: जो साहित्य समाज को आगे ले जाए, जिसमें वृद्धों का अनुभव और युवकों का जोश मिला हो, वही प्रगतिशील साहित्य है।
🎯 बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ Test 2025)
OMR शीट के लिए ये प्रश्न रट लो, बार-बार आते हैं:
1. 'क्या लिखूँ?' किस विधा की रचना है?
- A) कहानी
- B) नाटक
- C) ललित निबंध ✅
- D) आत्मकथा
2. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जन्म कहाँ हुआ?
- A) जबलपुर
- B) खैरागढ़ ✅
- D) लखनऊ
- D) इलाहाबाद
3. 'पंचपात्र' और 'मकरंद बिंदु' किसकी रचनाएँ हैं?
[Most Repeated Question]
- A) पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी ✅
- B) रामचन्द्र शुक्ल
- C) जयशंकर प्रसाद
- D) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
4. लेखक किसे 'भविष्य का निर्माता' मानते हैं?
- A) वृद्धों को
- B) बच्चों को
- C) तरुणों (युवकों) को ✅
- D) नेताओं को
विद्यार्थियों, अगर आपको 'मित्रता' या 'ममता' पाठ के भी ऐसे ही नोट्स चाहिए, तो नीचे कमेंट करें! 👇
शुभकामनाएं! - आपके हिंदी सर
महत्वपूर्ण गद्यांशों की व्याख्या (Important Passages & Explanation)
बोर्ड परीक्षा में आपको गद्यांश दिया जाता है और उसका संदर्भ, प्रसंग और व्याख्या लिखनी होती है। यहाँ सबसे महत्वपूर्ण गद्यांश दिया जा रहा है:
गद्यांश 1: "जो तरुण हैं, वही भविष्य के निर्माता हैं। उन्हीं के कर कमलों पर भारत के अतीत का गौरव और भविष्य का निर्माण निर्भर है। युवकों के लिए अतीत उज्ज्वल है और भविष्य भी, इसी कारण वे वर्तमान से क्षुब्ध रहते हैं।"
1. सन्दर्भ (Reference): प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक 'हिंदी' के 'गद्य-खंड' में संकलित 'क्या लिखूँ?' नामक निबंध से लिया गया है। इसके लेखक श्री पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी हैं।
2. प्रसंग (Context): इस पंक्ति में लेखक ने युवाओं (Youngsters) के महत्व और उनकी मानसिकता का वर्णन किया है कि कैसे वे देश के भविष्य को आकार देते हैं।
3. व्याख्या (Explanation) – सरल शब्दों में: शिक्षक की कलम से: बख्शी जी कहते हैं कि देश की असली ताकत उसके नौजवान (तरुण) ही होते हैं। आने वाला समय कैसा होगा, यह आज के युवाओं की मेहनत पर निर्भर करता है। युवाओं को अपना बीता हुआ कल (बचपन) भी अच्छा लगता है और वे आने वाले कल (भविष्य) के सुनहरे सपने भी देखते हैं। चूँकि उन्हें भविष्य बहुत सुंदर दिखता है, इसलिए उन्हें अपना 'आज' (वर्तमान) थोड़ा कम पसंद आता है और वे उसमें बदलाव (सुधार) करना चाहते हैं। यही असंतोष उन्हें प्रगति की ओर ले जाता है।
परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर (Important Q&A)
मैंने पिछले सालों के पेपर्स (Research) का विश्लेषण करके ये प्रश्न निकाले हैं जो 2024-25 की परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
प्रश्न 1: 'दूर के ढोल सुहावने होते हैं' का क्या अर्थ है? लेखक ने इसका प्रयोग क्यों किया?
उत्तर: इसका अर्थ है कि "दूर से हर चीज़ अच्छी लगती है।" लेखक ने इसका प्रयोग इसलिए किया है क्योंकि जो चीज़ें हमारे पास नहीं हैं या जो समय बीत चुका है, वह हमें बहुत अच्छा लगता है। जैसे बूढ़े लोगों को अपना पुराना ज़माना अच्छा लगता है, जबकि हकीकत में उस समय भी परेशानियाँ रही होंगी।
प्रश्न 2: तरुण और वृद्ध के दृष्टिकोण में क्या अंतर है? (Most Important)
उत्तर:
तरुण (युवा): वे 'भविष्य' को देखते हैं। वे जोश से भरे होते हैं और समाज में बदलाव (क्रांति) लाकर उसे सुधारना चाहते हैं। वे 'दूर के ढोल' की तरह भविष्य के सपनों में खोए रहते हैं।
वृद्ध (बूढ़े): वे 'अतीत' (Past) को देखते हैं। वे पुरानी परंपराओं को बनाए रखना चाहते हैं और अपनी पुरानी यादों में सुख पाते हैं।
प्रश्न 3: प्रगति (Progress) का वास्तविक अर्थ क्या है पाठ के अनुसार?
उत्तर: लेखक के अनुसार, समाज की प्रगति केवल पुराने को तोड़ने या केवल पुराने से चिपके रहने में नहीं है। प्रगति तब होती है जब हम वृद्धों के अनुभव और युवाओं के जोश का मिलन कराते हैं। यानी, अतीत का सम्मान करते हुए भविष्य के लिए नया निर्माण करना ही सच्ची प्रगति है।
प्रश्न 4: 'क्या लिखूँ?' निबंध की भाषा-शैली कैसी है?
उत्तर: इस निबंध की भाषा खड़ी बोली हिंदी है जो बहुत ही व्यावहारिक और प्रवाहपूर्ण है। शैली 'विवेचनात्मक' (Analytical) और 'ललित' (Artistic) है। इसमें मुहावरों का प्रयोग इसे रोचक बनाता है।
शिक्षक की विशेष टिप (Pro Tip)
बेटा, ध्यान रखना: जब आप बोर्ड परीक्षा में 'व्याख्या' (Explanation) लिखें, तो केवल किताबी भाषा न लिखें। उसे ऐसे समझाएं जैसे आप किसी और को बता रहे हों। और हाँ, लेखक का नाम और पाठ का नाम सही लिखना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है, इसके पूरे नंबर मिलते हैं।
🔥 Live Test: क्या लिखूँ? (15 प्रश्न)
क्या आप 15 में से 15 ला सकते हैं?
1. 'क्या लिखूँ?' पाठ के लेखक कौन हैं?
2. 'क्या लिखूँ?' गद्य की कौन सी विधा है?
3. 'पंचपात्र' और 'मकरंद बिंदु' किसकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं?
4. लेखक से निबंध लिखने का आग्रह किसने किया?
5. नमिता ने लेखक को कौन सा विषय दिया?
6. अमिता ने लेखक को कौन सा विषय दिया?
7. "दूर के ढोल सुहावने होते हैं" - का सही अर्थ क्या है?
8. लेखक के अनुसार 'भविष्य के निर्माता' कौन हैं?
9. तरुण (युवक) हमेशा किससे क्षुब्ध (नाराज़) रहते हैं?
10. वृद्धों (Old People) को हमेशा क्या अच्छा लगता है?
11. लेखक के अनुसार सुधार (Reform) कौन ला सकता है?
12. हिंदी साहित्य में 'द्विवेदी युग' के बाद कौन सा युग आता है? (जिसका प्रभाव लेखक पर भी है)
13. बख्शी जी ने किस प्रसिद्ध पत्रिका का संपादन किया?
14. प्रगतिशील साहित्य कैसा होना चाहिए?
15. 'झलमला' कहानी संग्रह के लेखक कौन हैं?

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