नमस्कार छात्रों!
आज की इस पोस्ट में हम UP Board कक्षा 10 हिंदी (गद्य खंड) के सबसे महत्वपूर्ण और पहले अध्याय "मित्रता" (Mitrata) का गहन अध्ययन करेंगे।
बोर्ड परीक्षा की दृष्टि से यह पाठ अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर साल इस पाठ से गद्यांश (Passage), जीवन परिचय या बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) जरूर पूछे जाते हैं। इस लेख में हमने पाठ का सारांश, मुख्य बिंदु और आपकी तैयारी परखने के लिए एक Free Online Quiz भी दिया है।
1. पाठ परिचय (Introduction)
पाठ का नाम: मित्रता (Mitrata)
लेखक: आचार्य रामचंद्र शुक्ल (Acharya Ramchandra Shukla)
विधा: निबंध (Essay)
आचार्य रामचंद्र शुक्ल का यह निबंध जीवन में 'संगति' के महत्व को दर्शाता है। किशोरावस्था में जब हम दुनिया में कदम रखते हैं, तो हमारा मन 'कच्ची मिट्टी' के समान होता है। ऐसे समय में सही मित्र का चुनाव हमारे पूरे भविष्य को बना या बिगाड़ सकता है।
2. लेखक: आचार्य रामचंद्र शुक्ल (संक्षिप्त परिचय)
ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के लिए लेखक के बारे में ये बातें जरूर याद रखें:
जन्म: सन् 1884 ई. (बस्ती जिले का अगोना गाँव)।
युग: शुक्ल युग के प्रवर्तक।
प्रमुख रचना: चिंतामणि (निबंध संग्रह), हिंदी साहित्य का इतिहास।
मृत्यु: सन् 1941 ई.
3. 'मित्रता' पाठ के मुख्य बिंदु (Key Points of the Chapter)
इस पाठ में शुक्ल जी ने तीन मुख्य बातों पर जोर दिया है:
(क) मित्र का चुनाव कैसे करें?
लेखक कहते हैं कि लोग घोड़ा खरीदते समय तो उसके सौ गुण-दोष देखते हैं, लेकिन मित्र बनाते समय उसका पिछला आचरण नहीं देखते। हमें ऐसे मित्र चुनने चाहिए जो:
संकल्प के पक्के हों।
हमसे अधिक आत्मबल (Will Power) रखते हों।
जो हमें गलत रास्ते से रोक सकें।
(ख) विश्वासपात्र मित्र: जीवन की औषधि
लेखक ने विश्वासपात्र मित्र की तुलना 'औषधि' (दवा) से की है। जिस प्रकार एक अच्छा डॉक्टर बीमारी को पकड़कर सही दवा देता है, उसी प्रकार एक सच्चा मित्र हमें बुराइयों से बचाता है और अच्छे रास्ते पर ले जाता है।
(ग) कुसंग का ज्वर (सबसे भयानक)
बुरी संगति (Bad Company) को लेखक ने 'सबसे भयानक ज्वर (बुखार)' कहा है।
यह केवल हमारी नीति और सद्गुणों का ही नाश नहीं करती, बल्कि हमारी बुद्धि को भी नष्ट कर देती है।
यह उस 'चक्की' के समान है जो पैरों में बंध कर मनुष्य को अवनति (पतन) के गहरे गड्ढे में गिराती जाती है।
4. परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण गद्यांश (Important Passages)
बोर्ड परीक्षा में 'रेखांकित अंश की व्याख्या' के लिए इन पंक्तियों को जरूर तैयार करें:
"हम लोग कच्ची मिट्टी की मूर्ति के समान हैं, जिसे जो जिस रूप का चाहे उस रूप का करे; चाहे राक्षस बनावे, चाहे देवता।"
"कुसंग का ज्वर सबसे भयानक होता है। यह केवल नीति और सद्वृत्ति का ही नाश नहीं करता, बल्कि बुद्धि का भी क्षय करता है।"
5. Mitrata Chapter 1 - Online Mock Test (MCQ)
अपनी तैयारी को परखने के लिए नीचे दिए गए क्विज को हल करें और देखें कि आप 10 में से कितने अंक लाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
'मित्रता' पाठ हमें सिखाता है कि जीवन की सफलता काफी हद तक हमारी संगति पर निर्भर करती है। राम और लक्ष्मण का स्वभाव अलग था, फिर भी वे मित्र थे—यह सिद्ध करता है कि मित्रता के लिए स्वभाव का मिलना जरूरी नहीं, बल्कि आदर्शों का मिलना जरूरी है।
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FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्र. मित्रता पाठ के लेखक कौन हैं? उ. आचार्य रामचंद्र शुक्ल।
प्र. लेखक ने विश्वासपात्र मित्र की तुलना किससे की है? उ. लेखक ने उसे 'खजाने' और 'औषधि' के समान बताया है।
प्र. कुसंग का ज्वर कैसा होता है? उ. यह सबसे भयानक होता है जो बुद्धि का विनाश कर देता है।
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